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Showing posts from March, 2023

Unemployment Problem in India(भारत में बेरोजगारी की समस्या)

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Unemployment Problem in India(भारत में बेरोजगारी की समस्या) बेरोजगारी भारत में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में एक बहुत ही गंभीर मुद्दा है। ऐसे सैकड़ों और हजारों लोग हैं जिनके पास रोजगार नहीं है। इसके अलावा, बढ़ती आबादी और नौकरियों की मांग के कारण भारत में बेरोजगारी की समस्या बहुत गंभीर है। इसके अलावा, अगर हम इस समस्या की उपेक्षा करते हैं तो यह राष्ट्र के विनाश का कारण बनने जा रहा है।नौकरी और पैसे के बिना सामान्य स्वस्थ जीवन जीना कठिन है। लोगों के बेरोजगार होने के कई कारण हैं। बेरोजगार होने के कारण व्यक्ति को वित्तीय, भावनात्मक और व्यक्तिगत समस्याओं हो सकता है। बेरोजगारी क्या है? बेरोजगारी एक ऐसी स्थिति को संदर्भित करती है जिसमें एक कुशल और प्रतिभाशाली लोग नौकरी करना चाहते थे। लेकिन कई कारणों से उचित नौकरी नहीं मिल पा रही है। बेरोजगारी के प्रकार अब हम जानते हैं कि बेरोजगारी क्या है लेकिन बेरोजगारी का मतलब केवल यह नहीं है कि व्यक्ति के पास नौकरी नहीं है। इसी तरह, बेरोजगारी में अपनी विशेषज्ञता से बाहर क्षेत्रों में काम करने वाले लोग भी शामिल हैं।विभिन्न प्रकार की बेरोजगारी में प्रच्

मातृ दिवस पर विशेष

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  सुनु जननी सोइ सुतु बड़भागी। जो पितु मातु बचन अनुरागी॥ तनय मातु पितु तोषनिहारा। दुर्लभ जननि सकल संसारा॥ भावार्थ:-हे माता! सुनो, वही पुत्र बड़भागी है, जो पिता-माता के वचनों का अनुरागी (पालन करने वाला) है। (आज्ञा पालन द्वारा) माता-पिता को संतुष्ट करने वाला पुत्र, हे जननी! सारे संसार में दुर्लभ है॥ आज मातृ दिवस है, एक ऐसा दिन है, आज के दिन हमें संसार की समस्त माताओं का सम्मान और सत्कार करना चाहियें, वैसे माँ किसी के सम्मान की मोहताज नहीं होती, माँ शब्द ही सम्मान के परिपूर्ण होता है, मातृ दिवस मनाने का उद्देश्य पुत्र के उत्थान में उनकी महान भूमिका को महसूस करना है।  श्रीमद् भागवत गीता में कहा गया है कि माँ की सेवा से मिला आशीर्वाद सात जन्म के पापों को नष्ट करता है, यही माँ शब्द की महिमा है, असल में कहा जाए तो माँ ही बच्चे की पहली गुरु होती है, एक माँ आधे संस्कार तो बच्चे को अपने गर्भ मैं ही दे देती है यही माँ शब्द की शक्ति को दशार्ता है, वह माँ ही होती है जो प्रसव की पीडा सहकर अपने शिशु को जन्म देती है।  जन्म देने के बाद भी मॉं के चेहरे पर एक सन्तोषजनक मुस्कान होती है, इसलिए माँ को सनातन

जयमंगला गढ़ शक्तिपीठ: एक ऐसी शक्तिपीठ जहां स्वयं महादेव ने देवी का आवाहन किया था।

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जयमंगला गढ़ शक्तिपीठ: एक ऐसी शक्तिपीठ जहां स्वयं महादेव ने देवी का आवाहन किया था। देश के 51 शक्तिपीठों में से एक जयमंगला गढ़ शक्तिपीठ बिहार राज्य के बेगूसराय जिला मुख्यालय से 24 किलोमीटर दूर एशिया के सबसे बड़े मीठे पानी के कावर झील के मध्य में मंदिर स्थित है। पौराणिक कथाओं और मान्यताओं के अनुसार जब भगवान शिव मातासती के शव को लेकर तांडव कर रहे थे तो उस वक्त मातासती स्तन इसी स्थान पर गिरा था। जिसके कारण यहां जयमंगला गढ़ शक्तिपीठ का निर्माण हुआ। इस मंदिर से जुड़ी हुई एक और मान्यता है, जब पृथ्वी पर त्रिपुरासुर राक्षस का आतंक और अत्याचार बहुत ही बढ़ गई थे तब स्वयं महादेव ने इसी स्थान से देवी की आवाहन किया था। जिसके उपरांत माता प्रकट होकर त्रिपुरासुर का वध किया और पृथ्वी को त्रिपुरासुर के भय से मुक्त किए और तभी से इस स्थान पर देवी की पूजा की जाती है। मंदिर के निर्माण को लेकर स्थानीय लोग बताते हैं मंदिर का निर्माण पाल वंश के राजाओं ने करवाया था। जयमंगला गढ़ मंदिर के दक्षिणी ओर खुदाई करने पर कुछ ऐसे नवग्रह की मूर्तियां मिली जिससे यह प्रमाण मिलता है इस मंदिर का निर्माण व संरक्षण पाल वंश के राजा

महाराणा प्रताप: महान योद्धा

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महाराणा प्रताप: एक ऐसा सम्राट जिसने जंगलों में रहना पसंद किया लेकिन कभी विदेशी मुगलों की दासता स्वीकार नहीं की। भारत के वीर सपूतों में से एक महाराणा प्रताप मेवाड़ के महान हिंदू राजपूत शासक थे. सोलहवीं शताब्दी के राजपूत शासकों में महाराणा प्रताप ऐसे शासक थे, जो अकबर को लगातार टक्कर देते रहे. लेकिन कभी मुग़ल का परधीनता स्वीकार नहीं किया। उनका निधन 29 जनवरी, 1597 में हुआ था। महाराणा प्रताप के बारे में सभी लोग जानते हैं। बहुत से लोग इन्हें मेवाड़ी राणा सम्राट भी कहते हैं और उन्हें राजपूतों का गौरव भी कहते हैं, महाराणा प्रताप को राजपूत वीरता, शिष्टता और दृढ़ता की एक मिसाल माना जाता है। दुशमनों के सामने सिर्फ महाराणा प्रताप का नाम लेने भर से दुश्मन सेना के हाथ पाव फूल जाते थे और पसीने छूट जाते थे। एक ऐसा राजा जो विषम से विषम परिस्थिति में किसी के आगे झुका नहीं। महाराणा प्रताप को जितना उनकी बहादुरी और वीरता के लिए जाना जाता है, उतनी ही उनकी दरियादिली और प्रजा व राज्य से उनका प्रेम जगजाहिर है। बताते हैं कि प्रताप कभी भी निहत्थे दुश्मनों पर वार नहीं करते थे और दुश्मनों के लिए भी एक तलवार हमेश

परशुराम जयंती: भगवान विष्णु के छठे अवतार जो आज भी है धरती पर

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परशुराम जयंती: भगवान विष्णु के छठे अवतार जो आज भी है धरती पर भगवान विष्णु के छठे अवतार के जन्मदिवस के रुप में हर वर्ष परशुराम जयंती मनाई जाती है। परशुराम जयंती हिन्दू पंचांग के अनुसार हर वर्ष वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है। और इसी दिन देश में अक्षय तृतीया भी मनाई जाती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान परशुराम का जन्म प्रदोष काल में तृतीय को हुआ था। जिस कारण से आज भी सनातन धर्म में निष्ठा रखने वाले प्रदोष काल के तृतीय को परशुराम जयंती मनाते हैं और इस बार परशुराम जयंती 14 मई शुक्रवार के दिन को है। और इसी दिन अक्षय तृतीया भी है अक्षय तृतीया को हमारे देश में सोना की खरीदारी को शुभ माना जाता है और इसलिए आज के दिन बहुत से लोग सोना की खरीदारी करते हैं।  हिन्दू पंचांग के अनुसार, इस वर्ष वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि का प्रारंभ 14 अप्रैल दिन शुक्रवार को प्रात:काल 05 बजकर 38 मिनट पर हो रहा है। इस तिथि का समापन 15 अप्रैल दिन शनिवार को सुबह 07 बजकर 59 मिनट पर होना है। तृतीया तिथि का प्रदोष काल 14 मई को प्राप्त हो रहा है, ऐसे में इस वर्ष परशुराम जयंती 14 मई को मनाय

सियासत का गीली-बिली- अशोक गहलोत

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  3 मई 1991 को राजस्थान के जोधपुर में जादूगर लक्ष्मण सिंह गहलोत के घर जन्मा एक लड़का कैसे आगे चलकर राजस्थान का मुख्यमंत्री बनता है और जिन्हें राजनीतिक गलियारों का गिली बिली भी कहा जाता है।  आज हम बात करेंगे राजस्थान के वर्तमान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अशोक गहलोत जोधपुर के एक सामान्य घर में पैदा हुए. पिता लक्ष्मण सिंह अच्छे जादूगर थे. देश में घूम-घूमकर जादू दिखाते. अशोक भी पिता के साथ घूमे. स्टेज पर जादू भी दिखाया. पढ़ाई में भी ठीक-ठाक ही थे. जिंदगी वैसी ही थी जैसी सामान्य होती है. 12 वीं के बाद जोधपुर की जयनारायण व्यास यूनिवर्सिटी में दाखिला ले लिया. पढ़ने का शौक था. उसी के फेर में जोधपुर के गांधी शांति प्रतिष्ठान के चक्कर लगाने लगे. यहां गांधी जी का लिखा पढ़ते. गांधी के विचार अच्छे लगे. यह साल 1971 की बात है जब जोधपुर का एक नौजवान बांग्लादेशी शरणार्थियों के शिविर में काम करते दिखाई दिया था. उसी वक्त देश की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी शरणार्थियों के कैंप देखने के लिए आई थी उसी समय उनकी नजर निस्वार्थ भाव से सेवा करते हुए अशोक गहलोत पर पङी तो इंदिरा गांधी ने उन्हें कांग्रेस ज्वा

Tata stories By- Harish Bhat

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  हम जानते हैं कि आज भारत तरक्की और बेहतरी की रास्ते पर जा रहा है रोज ही तरक्की की कीर्तिमान स्थापित कर रहा है आज हमारा भारत दुनिया के विकसित और विकासशील देशों के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रहा है। क्या आप जानते हैं हमारा देश जब आजाद हुआ था तब हमारे देश की आर्थिक स्थिति बहुत ही दयनीय थी। भारत जब आजाद हुआ तब तक अंग्रेजों ने भारत की सारी समृद्धि और संपदा शोषण कर चुके थे हमारे देश के पास कुछ नहीं बचा था। पहले के पहले से ही हमारे देश की बड़ी आबादी गरीबी और भुखमरी के शिकार थे। आजादी के बाद हमारे देश के सामने काई बड़ी चुनौती थी। जिसमे सबसे गरीबी और भुखमरी की थी। देश की बड़ी आबादी खेती और कृषि के काम से जुड़े हुए थे। कारखानों और इंडस्ट्रीज के नाम पर हमारे देश में कुछ नहीं थे। लेकिन एक नाम था जो देश के तरक्की और विकास केलिए काम कर रहा था टाटा। टाटा एक ऐसा नाम है जिससे हमारे देश का बच्चा बच्चा जनता है,देश की तरक्की और विकास में टाटा ग्रुप की बहुत बड़ी योगदान है। टाटा ग्रुप इंडियन ग्लोबल बिजनेस है यह बात हम गर्व से बोल सकते हैं लेकिन टाटा ग्रुप की इस सक्सेस का राज क्या है कैसे टाटा ग्रुप का स

THE TEN PRINCIPAL Upanishads by - Shree purohit and W.B yeats

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 असतो मा सद्गमय, तमसो मा ज्योतिर्गमय, मृत्योर्मा अमृतं गमय।   अर्थात - असत्य से सत्य की ओर मुझे ले चलो अंधकार से ज्योति की ओर मुझे ले चलो मृत्यु से अमृत की ओर मुझे ले चलो। आप लोगों में से बहुत से जरूर कहीं न कहीं इस मंत्र का मंत्र उच्चारण सुने होंगे। ये मंत्र उपनिषद से लिया गया है उपनिषद अपने आप में एक लाइब्रेरी की तरह है। एक अमर साहित्य है जो हम भारतवासियों को हजारों सालों से अंधकार से प्रकाश और असत्य से सत्य की ओर जाने में मार्गदर्शन या रास्ता दिखाने का काम करता आ रहा है। उपनिषद के बारे में कहा जाता है। उपनिषद् की रचना 1000 से 300 ई.पू. की गई थी। उपनिषद कुल संख्या लगभग 108 है। यह भारत का सर्वोच्च मान्यता प्राप्त विभिन्न दर्शनों का संग्रह है। वेद के बाद लिखे जाने के कारण इसे वेदांत भी कहा जाता है। उपनिषद भारत के अनेक दार्शनिकों, जिन्हें ऋषि या मुनि कहा गया है, उनके जो अनेक वर्षों के गम्भीर चिंतन-मनन( तपस्या) का परिणाम है। उपनिषदों को आधार मानकर और इनके दर्शन (ज्ञान) को अपनी भाषा में लिख कर या उपनिषद की विचार पर विश्व के अनेक धर्मों और विचारधाराओं का जन्म हुआ। उपलब्ध जानकारी के मुताब

The Undercover Economist by- Tim Harford

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आपमें से कितने लोग हर रोज बैठे होगे,और सोचे हैं। इस बारे में सरकार को कोसते रहते है की कैसे आपके खरीदारी बिल अधिक मंहगे जा रहे हैं? इस सब को समझने के लिए सबसे पहले ' इकोनॉमिक्स ' जानने होगे। ‘ इकोनॉमिक्स ’ शब्द सुनते हैं तो आपके दिमाग में क्या आता है ? आप तुरंत ऐसा सोचते हैं की ये अंतहीन ग्राफ़ या जटिल गणित और ये बोरिंग होता होगा। आपको इसके बारे में थोड़े बहुत सिर्फ इसलिए पता है क्योंकि आपको इसे बारे में थोड़े बहुत क्लास 9-10 सीखने के लिए मजबूर किया गया था । पर इकोनॉमिक्स की फील्ड बहुत बड़ी है और ज़रूरी नहीं कि ये कन्फ्यूज़िंग या बोरिंग हो। इकोनॉमिक्स भी इंटरेस्टिंग हो सकती है। टिम हार्फोर्ड द्वारा लिखित अंडरकवर economicsts उन सवालों के जवाब देने के लिए निकल पड़ते हैं, और इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि यह हमें यह समझने की कोशिश करता है कि इकोनॉमिक्स हमारे जीवन और हमारे खरीद निर्णयों को कैसे आकार देता है। यह भी बताता है कि कैसे, हर चीज के पीछे के economics को समझकर, आप अपने दिन-प्रतिदिन में बेहतर खरीदारी निर्णय लेना शुरू कर सकते हैं, और दुनिया आर्थिक सिद्धांतों पर काम करती है।

The India Way by Dr. J.shankar

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 विदेश नीति Foreign policy प्रत्येक देश की वह योजना है जिसके अंतर्गत राष्ट्र अपने हितों एवं अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति करते हैं। किसी राष्ट्र की विदेश नीति यह निर्धारण करने में सक्षम होती है कि उसे किस राष्ट्र से अच्छे संबंध रखने है और किससे नहीं। प्रत्येक राष्ट्र अपनी विदेश नीति के आधार पर ही अंतरराष्ट्रीय संबंधों की स्थापना करता है और इन नीतियों का पालन वह हरहाल में करता है चाहे उस राष्ट्र को कूटनीति का सहारा क्यों न लेना पड़े। भारत की विदेश नीति की नींव स्वतंत्रता संग्राम के दौरान रखी गई थी जब हमारे नेताओं ने उपनिवेशवाद और नस्लवाद की बुराइयों से लड़ाई लड़ी थी। भारत उपनिवेशवाद और साम्राज्यवाद का शिकार रहा है और इन्हें अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए खतरा मानता है। यह दृढ़ता से सभी मनुष्यों की समानता में विश्वास करता है। इसकी नीति का उद्देश्य सभी प्रकार के नस्लीय भेदभाव का विरोध करना है। वह हमेशा किसी न किसी रूप में इसका विरोध करती है। भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर की हाल ही में एक किताब रिलीज़ हुई है. द इंडिया वे, इस किताब में उन्होंने विदेश नीति में बिताए अपने वक्त के किस्सो

गणतंत्र भारत के प्रथम राष्ट्रपति: देशरत्न डॉ राजेन्द्र प्रसाद

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 बाबू राजेन्द्र प्रसाद का जन्म 3 दिसंबर 1884 को बिहार के जीरादेई नाम के गांव जिला सारण 'अब सिवान ' मे हुआ था। उनके पिता का नाम महादेव सहाय तथा माताजी का नाम कालेश्वरी देवी था. राजेंद्र बाबू बचपन से ही पढाई लिखाई में अच्छे थे और उनहोंने मात्र 18 साल की उम्र में कोलकाता विश्वविद्यालय की प्रवेश परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया थे. जिसके लिए उन्हें विश्वविद्यालय की से 30 रूपये की स्काॅलरशिप मिलती थी. उसके बाद राजेन्द्र प्रसाद ने कानून में मास्टर डिग्री हासिल किये और साथ ही उन्होंने क़ानून से ही डाक्टरेट भी किया.  राजेंद्र बाबू पढाई में इतनें अच्छे थे, कि उनकी एग्जाम शीट को देखकर एक एग्जामिनर ने कहा था 'The Examinee is better than Examiner' राजेंद्र प्रसाद भारत के पहले राष्ट्रपति थे. वे भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के प्रमुख नेताओं में से एक थे. उन्होंनें भारतीय संविधान के निर्माण में भी अपना सहयोग दिया थे. पूरे देशभर में अत्यंत लोकप्रिय होने के कारण उन्हें राजेन्द्र बाबू या देशरत्न कहकर संबोधित किया जाता था। पेशे वकील राजेन्द्र प्रसाद आजादी की लड़ाई में कांग्रेस के प्र

गुरु नानक देव जंयती : गुरूपुरब

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  कार्तिक मास की पूर्णिमा के दिन गुरू नानक जंयती मनाया जाता है सिख धर्म के लोग दिवाली के 15 दिन बाद कार्तिक मास पूर्णिमा को गुरू नानक जंयती के रूप में मनाते हैं इसे गुरूपुरब या प्रकाश पर्व भी कहा जाता है क्यो कि गुरु नानक देव जी ने समाज में फैली बुराइयों और कुरीतियों को दूर करके लोगों के जीवन में प्रकाश रूपी ज्ञान भर दिया इसलिए उनके जन्म दिवस को सिख धर्म के अनुयायी हर बर्ष प्रकाश पर्व के रूप मे बड़े ही धूमधाम से मनाते हैं और लोग इस दिन गुरूद्वारे जाकर नानक देव जी के सामने मत्था टेकते हैं   गुरु नानक देव जी का जन्म लगभग आज से 551 वर्ष पहले 51वीं सदी में 15 अप्रैल 1469 में तलवंडी, शेखपुरा जिला (अब का ननकाना साहिब, पंजाब, पाकिस्तान में है) हुआ था उनके पिता का नाम मेहता कालू जी तथा माताजी का नाम तृप्ता देवी जी थे , नानक देव जी का नाम उनके बड़ी बहन नानकी के नाम पर रखा गया था। इनके पिता गांव में तलवंडी में पटवारी थे।  नानक देव जी को कई भाषाओं का ज्ञान था जिसमें फारसी, पंजाबी, खड़ी बोली और अरबी भाषा भी है  वे बचपन से ही अध्यात्म और भक्ति की तरफ आकर्षित थे । लड़कपन से ही ये सांसारिक विषय

इलेक्ट्रिक वाहन: भविष्य का परिवहन

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 इलेक्ट्रिक वाहन: भविष्य का परिवहन भारतीय शहरों में वायु प्रदूषण का बढ़ता स्तर नीति निर्माताओं के लिए चिंता का विषय रहा है। विश्व के 100 सबसे प्रदूषित शहरों में 25 से अधिक भारतीय शहर शामिल हैं। शहरों में बढ़ते वायु प्रदूषण का कारण विभिन्न स्रोतों से संबंधित है, हालांकि परिवहन क्षेत्र एक महत्वपूर्ण योगदान देता है। इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि परिवहन क्षेत्र से कार्बन उत्सर्जन कम से कम हो। आज पूरे विश्व में इलेक्ट्रिक वाहनों को एक आशाजनक प्रौद्योगिकी विकल्प के रूप में देखा जा रहा है और कई देशों के राष्ट्रीय सरकारों ने प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने के लिए नीतियों को सफलतापूर्वक लागू कर रहे हैं।और हमारे देश में भी धीरे धीरे ही सही लेकिन निरंतर रूप से प्रचार प्रसार किया जा रहा है, लोगों को इसके बारे में जानकारी दी जा रही है, इससे होने वाले फायदा की जानकारियां दी जा रही है।सरकार ने लोगों को उनका उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए हरी लाइसेंस प्लेटों को मंजूरी दी है। इसके पीछे का उद्देश्य प्रस्तावित लाभों जैसे रियायती टोल, पार्किंग के लिए तरजीही उपचार और भीड़भाड़ व