जयमंगला गढ़ शक्तिपीठ: एक ऐसी शक्तिपीठ जहां स्वयं महादेव ने देवी का आवाहन किया था।

जयमंगला गढ़ शक्तिपीठ: एक ऐसी शक्तिपीठ जहां स्वयं महादेव ने देवी का आवाहन किया था।



देश के 51 शक्तिपीठों में से एक जयमंगला गढ़ शक्तिपीठ बिहार राज्य के बेगूसराय जिला मुख्यालय से 24 किलोमीटर दूर एशिया के सबसे बड़े मीठे पानी के कावर झील के मध्य में मंदिर स्थित है। पौराणिक कथाओं और मान्यताओं के अनुसार जब भगवान शिव मातासती के शव को लेकर तांडव कर रहे थे तो उस वक्त मातासती स्तन इसी स्थान पर गिरा था। जिसके कारण यहां जयमंगला गढ़ शक्तिपीठ का निर्माण हुआ। इस मंदिर से जुड़ी हुई एक और मान्यता है, जब पृथ्वी पर त्रिपुरासुर राक्षस का आतंक और अत्याचार बहुत ही बढ़ गई थे तब स्वयं महादेव ने इसी स्थान से देवी की आवाहन किया था। जिसके उपरांत माता प्रकट होकर त्रिपुरासुर का वध किया और पृथ्वी को त्रिपुरासुर के भय से मुक्त किए और तभी से इस स्थान पर देवी की पूजा की जाती है।

मंदिर के निर्माण को लेकर स्थानीय लोग बताते हैं मंदिर का निर्माण पाल वंश के राजाओं ने करवाया था। जयमंगला गढ़ मंदिर के दक्षिणी ओर खुदाई करने पर कुछ ऐसे नवग्रह की मूर्तियां मिली जिससे यह प्रमाण मिलता है इस मंदिर का निर्माण व संरक्षण पाल वंश के राजाओं द्वारा किया जाता होगा। और अवशेष में कुछ ऐसे भी मूर्तियां मिली हैं जिसमें बौद्ध कलाकृति के भी प्रमाण मिले हैं जो दर्शाता है इस क्षेत्र में भगवान बुद्ध की गतिविधि रही होगी। इस मंदिर के चारों ओर मीठे पानी का कावर झील है। जो दर्शाता है यह क्षेत्र किसी समय में शक्तिशाली राजा का गढ़ रहा होगा। जयमंगला गढ़ के चारों ओर पानी का होना किसी सुरक्षित दुर्ग को दर्शाता है।

यह काफी प्रसिद्ध देवस्थल और शक्ति पीठ है यहां आने वाले सभी भक्तों का हर मनोकामना पूर्ण होती है। मुख्यता मंगलवार के दिन मां का पूजा किया जाता है। भक्तजनों पर श्रद्धालुओं के लिए मंदिर हर रोज खुली रहती है। मंदिर के आसपास की कुछ प्रसाद की दुकानें हैं जहां से श्रद्धालु प्रसाद खरीद कर माता को चढ़ाते हैं। यहां एक और मंदिर है जो भगवान विष्णु को समर्पित है। भगवान विष्णु का मंदिर देवी मंदिर के उत्तरी हिस्से में है।

14 कोस विशाल क्षेत्र में फैला कावर झील के बीच में 400 बीघे की जंगलों से भरा हुआ है। और जंगल के बीचो बीच जयमंगला गढ़ मंदिर है मंदिर के आसपास के पेड़ों पर बहुत सारे बंदर रहते हैं और कावर झील एक पक्षी विहार भी है जहां ठंड के मौसम में साइबेरियन पक्षी यहां प्रवस के लिए आते हैं। झील में नौका विहार भी होता है शक्ति पीठ के दर्शन करने वाले भक्तजन और श्रद्धालु नौका विहार का भी लुफ्त उठाते हैं और कावर झील की सैर करते हैं। और मंदिर के पास ही एक गेस्ट हाउस भी बना हुआ है। पक्षी विहार और जयमंगला गढ़ शक्तिपीठ के सुरक्षा के लिए यहां एक पुलिस चौकी भी है।


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